पोस्ट ऑफिस की धांसू स्कीम हर महीने मिलेंगे ₹20,500, यहाँ से जाने पूरी जानकारी

अगर आप नौकरी से रिटायर हो चुके हैं और चाहते हैं कि हर महीने आपको नियमित आय मिलती रहे, तो पोस्ट ऑफिस की सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (SCSS) आपके लिए बेहतरीन विकल्प साबित हो सकती है। यह योजना खासतौर पर उन लोगों के लिए बनाई गई है जो अपने पूंजी को सुरक्षित रखकर स्थायी कमाई चाहते हैं। सरकार की ओर से इस योजना पर इस समय 8.2 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर दी जा रही है, जो तिमाही आधार पर खाताधारकों को मिलती है। यही वजह है कि यह स्कीम रिटायर लोगों के बीच सबसे ज्यादा लोकप्रिय और भरोसेमंद निवेश योजना मानी जा रही है।

क्यों खास है पोस्ट ऑफिस की सीनियर सिटिजन स्कीम

इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें निवेश करने वाले बुजुर्गों को हर तीन महीने पर तय ब्याज राशि मिलती है, जिससे उन्हें हर महीने की कमाई का सहारा बना रहता है। ब्याज की दर स्थिर होने के कारण बाजार के उतार-चढ़ाव का इस पर कोई असर नहीं पड़ता। पोस्ट ऑफिस की मजबूत नेटवर्क प्रणाली के चलते यह स्कीम पूरे भारत में आसानी से उपलब्ध है — चाहे आप गांव में रहते हों या शहर में, पोस्ट ऑफिस की किसी भी शाखा में यह योजना शुरू की जा सकती है।

निवेश पर गारंटीड रिटर्न की सुविधा

सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम पर वर्तमान में 8.2 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर मिलती है। यदि कोई व्यक्ति इसमें 30 लाख रुपये का निवेश करता है, तो उसे हर साल लगभग 2 लाख 46 हजार रुपये तक ब्याज प्राप्त होगा। यह ब्याज हर तीन महीने में एक बार दिया जाता है, यानी निवेशक को हर तिमाही करीब 61,500 रुपये की आय होती है। इसका मतलब है कि औसतन हर महीने करीब 20,500 रुपये की नियमित आय सुनिश्चित हो जाती है। यह राशि पूरी तरह सुरक्षित है क्योंकि यह योजना सरकारी गारंटी के तहत आती है।

रिटायरमेंट के बाद सुरक्षित निवेश का बेहतर जरिया

रिटायरमेंट के बाद सबसे बड़ी चिंता यही होती है कि नियमित आय का साधन कैसे बना रहे। ऐसे में पोस्ट ऑफिस की यह योजना एक स्थायी समाधान पेश करती है। ब्याज की राशि तिमाही आधार पर सीधे निवेशक के खाते में आती है, जिससे बुजुर्गों को अपने खर्चों के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। यह स्कीम न केवल आर्थिक सुरक्षा देती है, बल्कि आत्मनिर्भर जीवन जीने का भरोसा भी देती है।

कौन कर सकता है निवेश और कितनी है लिमिट

इस योजना में न्यूनतम 1,000 रुपये से लेकर अधिकतम 30 लाख रुपये तक निवेश किया जा सकता है। इसकी अवधि 5 साल की होती है, जिसे जरूरत पड़ने पर 3 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। यह योजना उन लोगों के लिए उपलब्ध है जिनकी उम्र 60 वर्ष या उससे अधिक है। वहीं, जो व्यक्ति सरकारी सेवा से 55 से 60 वर्ष की उम्र के बीच रिटायर हुए हैं, वे भी इसमें निवेश कर सकते हैं।

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